डायरिया क्या है ?

एक दिन में तीन या इससे अधिक बार पानी की तरह पतला मल आने की समस्या को दस्त कहा जाता है। डायरिया की दो स्थितियां होती हैं- एक, जिसमें दिन में पांच बार से अधिक मल त्याग करना पड़ता है या पतला मल आता है। इसे डायरिया की गंभीर स्थिति कहा जा सकता है। आनुपातिक डायरिया में व्यक्ति सामान्यतः जितनी बार मल त्यागता है उससे कुछ ज्यादा बार और कुछ पतला मल त्यागता है। डायरिया हमारे सरीर पाचन मंत्र को प्रवाभित करती हे तो इसलिए बार बार हमे मॉल त्याग करनी पड़ती है। इसका इलाज आयुर्वेद मैं सम्भब होता हे।

इसका लक्षण

पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन, निर्जलीकरण, मल में खून, दस्त, पानी जैसे दस्त, पेट की ख़राबी या ऐंठन, शौचालय का उपयोग करने की तत्काल आवश्यकता, बुखार, मतली और उल्टी होना इसका लक्षण होता हे।

कारण

बहुत ज्यादा  खाना मसालेदार व जंक फूड का सेवन करने, दुषित जल ग्रहण करना आदि कारन बन सकता हे।

इसका इलाज:
नारियाल का पानी
नारियाल का पानी

दस्त के कारण शरीर में ग्लूकोज और पानी की कमी हो जाती है और नारियल पानी इस कमी को पूरा करने का काम करता है। तो दिन मैं २ बार नारियाल का पानी पिने से दस्त को ठीक करसकते हैं।

जीरा
जीरा

जीरा हमारे पेट की काईन सरे प्रॉब्लम को सुलझाता हे। जीरा हमारे पाचन क्रिया को ठीक करने मैं मदत करता हे। इसीलिए दस्त के समय जीरा पानी को पीना लाभदायक होसकता हे।  एक गिलास पानी मैं जीरा दाल कर १०/१५ मिनट उबालें फिर ऐसे ठंडा करके पी लें। ऐसे दिन मैं ३ से ४ बार पिनेसे दस्त ठीक होजाता हे।

 नमक और पानी
 नमक और पानी

पेट खराब होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है।  ऐसे में कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। अगर पानी में लवण मिला हो। आप चाहें तो नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल या फिर नारियल पानी ले सकते हैं।  गाजर का जूस भी ऐसे समय में काफी फायदेमंद होता है।

केला
केला

केले मैं मौजूद पोटै‍शियम की उच्च मात्रा शरीर के लिए फायदेमंद होती है। दस्त मैं केला सेवन करने से रहत मिलती हे।

अदरक और सेहद
अदरक और सेहद

अदरक एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुणों होता हे। अदरक के रास साथ सेहद को मिलकर दिन मैं २ या ३ बार सेवन करें।

निम्बू, सेहद और पुदीना
निम्बू, सेहद और पुदीना

पुदीना एक अच्छी दबा हे जो पेट के समस्या से रहत देती हे। निम्बू, सेहद और पुदीने के रास को गर्म पानी मैं मिलकर पिने से वि रहत मिलती हे।

दही
दही

पेट दर्द में दही का इस्तेमाल काफी फायदेमंद रहता है। दही में मौजूद बैक्टीरिया संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जिससे पेट जल्दी ठीक होता है।  इस लिए दस्त मैं दही का सेवन करना वि फायदेमन हो।

इसबगोल
इसबगोल

इसबगोल पेट के लिए अच्छा हटा हे।  दस्त के समय इसबगोल और दही मिलकर खाने से रहत मिलती हे।

मोरिंगा का पत्ता
मोरिंगा का पत्ता

सहजन के पत्ताें को ग्राइंड कर के एक गिलास पानी मिला के पीलें ऐसे  होजाता हे।  ऐसे दिन मैं २ से ३ पिने से रहत मिलती हैं।

चावल का पानी
चावल का पानी

बच्चे में दस्त को रोकने के लिए आप चावल का पानी इस्तेमाल कर सकते हैं। चावल का पानी एक कारगर इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन के विकल्प के रूप में काम कर सकता है।

साबधान: कोई वि आयुर्वेदिक जड़ी बूटी को इस्तिमाल करनेसे पहले और्वेदिक डॉक्टर की  परामर्श करें।

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