प्रधान मंत्री के नाम पर मामला: ओडिशा के कंधमाल जिले के फूलबनी के खजुरिपाड़ा ब्लॉक के अंतर्गत बेलसकुम्पा पंचायत के खेसतापजू गांव में एक ऐसी ही घटना हुई। फूलबनी के एक युवक जितेंद्र कुमार सेठी ने प्रधानमंत्री की ओर से केवल आधार कार्ड के लिए मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत से ही आधार कार्ड के लिए 21 तस्वीरें ली गई हैं। आज तक, उसे आधार कार्ड नहीं मिला है। कभी ब्लॉक में, कभी पंचायत कार्यालय में तो कभी शिविर में, वह पहले ही आधार कार्ड के लिए फोटो ले चुके हैं। यहां तक ​​कि उन्होंने क्षत्रपजू में आधार कार्ड शिविर की तस्वीरें लीं और अपना विवरण दिया, लेकिन आधार कार्ड अभी तक नहीं देखा गया है।

फूलबनी ने प्रधानमंत्री के नाम से स्थायी पीपुल्स कोर्ट की शरण ली है, जिन्होंने अंत में बिना कोई रास्ता निकाले आधार कार्ड बनाया है। पीपुल्स कोर्ट में मुकदमा दायर किए सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है।

क्षतापाजु गांव के वार्ड 2

प्रधान मंत्री के नाम पर मामला: क्षतापाजु गांव के वार्ड 2 के निवासी जितेंद्र कुमार सेठी के लिए अब आधार कार्ड तैयार नहीं हो पा रहा है। आधार कार्ड न होने के कारण जितेंद्र को सभी सरकारी लाभों से वंचित रखा गया है। जितेंद्र के परिवार में 3 बेटियां, 82 वर्षीय पिता महेश सेठी, और माँ 75 वर्षीय बालामती सेठी शामिल हैं। जितेंद्र पर केवल 7 सदस्य निर्भर हैं जितेंद्र हर दिन का पोषण करते हैं। जितेंद्र के अलावा सभी को 5 किलो चावल मिलता है जबकि बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धावस्था भत्ता मिलता है। लेकिन आज तक जितेंद्र का नाम राशन कार्ड में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि आधार कार्ड नहीं है। पहले ही आधार कार्ड के लिए 21 बार फोटो ले लिए हैं मगर आज तक जितेंद्र किसी भी सरकारी योजना में शामिल नहीं हो पाए हैं।

सरकार

प्रधान मंत्री के नाम पर मामला: सरकार ने घोषणा की कोईभी ब्यक्ति आधार कार्ड नहीं होने पर भी उसे सरकारी योजना से वंचित नहीं किया जाएगा लीकन, यह जितेंद्र के लिए स्वीकार्य नहीं है। जबकि जितेन्द्र सहित 7 लोगों को गुजरान वो अकेले ही करते हैं। सरकार की सभी योजना बार-बार आधार कार्ड के लिए इन सभी सुविधाओं को प्राप्त करने में विफल रही है। वे कितनी बार पंचायत कार्यालय और ब्लॉक पे सरकारकी तरफसे एक घर की मांग की हे लीकन आधारकार्ड की वजेसे ये नहीं हो पा रहा हे।

परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड के लिए फोटो लेने के बाद एक दिन सभी का कार्ड आया, लेकिन जितेंद्र का कार्ड नहीं आया। वह नहीं जानता कि इस मामलेमे कौनmadat करेगा। इस के लिए वो जिला प्रशासन से लेकर ब्लॉक प्रशासन तक सब को nibed की हे। लेकिन कोई भी उसे समझता नहीं है। आखिरकार 16 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री के नाम पर फूलबनी परमानेंट पीपुल्स कोर्ट में मामला दर्ज करने के लिए वो मजबूर थे।

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