जानिए नारी और समाज का सबसे बड़ा खतरा क्या हे ?: आज पूरे भारत में, “बेट्टी बचाओ” का नारा भारत में महिलाओं के खिलाफ दिन-प्रतिदिन हिंसा, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, भ्रूण हत्या और यौन शोषण जैसे अपराध बढ़ती चली जा रही है। आजकल, घर पर हर परिवार में बेटी, पत्नी या मां होती है जो डर और डर में जी रही है। आज की समाज में ये कहा जा रहा हे की पुरुष और महिला एक सामान हे ।

तो इस तरह के जघन्य अपराध महिलाओं के साथ ही क्यों होते हैं?

तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह एक बड़ा सवाल है …..! आज आप हर जगह देखते हैं, संरक्षणवादी भावना का ज्वार बह रहा है। 16 दिसंबर 2012 को भारत की छाती पर होने वाला निर्भया घटना में आरोपी को सजा मिलने में 7 साल की कड़ी मेहनत लगी। निर्भया माँ और वकील सीमा कुशबाह को अंत तक लड़ना पड़ा। तो हाथरस मामले के आरोपियों को सजा होने में कितना समय लगेगा। क्या आपको नहीं लगता कि निर्भया के मामले में, दोषी को दंडित करने में लंबा समय की अबधि लगी ?

तो अब और कितना?

महिलाओं पर कब तक अत्याचार होगा ? इसका अंत कब होगा ….? भारत को आजाद हुए 74 साल हो चुके हैं, लेकिन महिलाएं अब भी असुरक्षित हैं। क्या महिलाओं को इस भब्या समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है ?

कई बार देखा गया है कि यह समय राजनेता हो या पुलिस, हर कोई चुप है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि मीडिया को भी उनके चैनल के लिए अच्छा खुराख मिलता है। TRP के लिए भी मुकाबला करें। पर क्यों …… क्या पीड़िता अपना ही खून की होना चाहिए। तभी जेक हम लोग कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि, पीड़ित की परिवार के साथ क्या क्या बीत रहा होगा ? उसके माता-पिता की अबस्त्ता hesa हो रहा होगा ? ये बात को कौन समझता है …

देश में हर किसी को “फ्रीडम ऑफ़ स्पीच” की ज़रूरत है लेकिन लोग भूल रहे हैं कि “फ्रीडम ऑफ़ लाइफ” खतरे में है। कभी कोई देशभक्त होता है तो कभी कोई देशद्रोही। लेकिन समाज में हर कोई स्वतंत्रता का सही अर्थ नहीं जानता है। यदि आप इस लेख को पढ़ रहे हैं, तो कृपया आप का राय हमें बताएं। आपकी अपनी राय इस समाज में बहुत कुछ बदल सकती है।

क्या ये बाबरी मस्जिद के अपराधी थे?

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