New Education Policy को हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूल से लेकर कॉलेज तक शिक्षा नीति में काईन सरे बदलाब लेन के लिए यह नयी शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी गई हे। यह नयी शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी शिक्षा नीति का स्थान लिया है। ऐसे पहले ये शिक्षा निति को 1986 में लागु किया गया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों, छात्रों, अधिकारियों एवं उच्च शिक्षा प्रणाली के अन्य पक्षकारों के बीच जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया है।

लक्ष्य

भारतीय शिक्षा नीति का लक्ष्य हे, भारत को बैशैक ज्ञान महाशक्ति यानि India एक ग्लोबल नॉलेज सुपर पवार बनाने का। और इसका सुरुअल हो चूका हे, Ministry of Human Resource Development का नाम बदल कर Ministry of Education रखा जाएगा।

भारत के Independence के  बाद  ये  3rd सबसे बड़ा बदलाब हे। ऐसे पहले 1968, 1986 भारतीय शिक्षा निति में बदलाब कियागया था। और 1992 को इसमें थोड़ा सा परिबर्तन किया गया था।

अध्ययन :

national Education Policy 2020 की सरकार ने ऐसे ही नहीं एलान किये, इसके पीछे एक बड़ा अध्ययन हुआ हे। इसरो के फॉर्मर चीफ K. Kasturirangan के अध्यक्ष्यता में एक बहुत बड़ा टीम बनाथा। जिन्होंने हर गाओं हर सेहर और पंचायत स्टार पे जाकर बात किया। और बड़े बड़े शिक्ष्यकों से बात करने के बाद ही इसको बनाया गया हे।

स्कूल प्रशासन को बदलने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों स्कूलों को संचालित करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण के साथ एक मान्यता ढांचा स्थापित किया गया है।

फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरिसिटी पर जोर दिया जाएगा, स्कूल में शैक्षणिक स्ट्रीम, एक्स्ट्रा करिकुलर, वोकेशनल स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा।

इंटर्नशिप के साथ कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी।

मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में काम से काम ग्रेड 5 तक पढ़ना और किसी भी छात्र के पैर में कोई भाषा नहीं लगाई जाएगी।

360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड के साथ, मूल्यांकन में सुधार होगा, छात्र प्रगति सीखने के परिणामों को प्राप्त करने के लिए दिखाई देगा।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य:

भारतीय शिक्षा नीति का उद्देश्य 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% GER के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमिकरण का लक्ष्य है। NEP 2020 स्कूली बच्चों में से 2 करोड़ को मुख्य धारा में वापस लाएगा। नई शिक्षा नीति में नया सर्कुलर और शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव है, जिसमें 5 + 3 + 3 + 4 डिजाइन है, जो कि आयु वर्ग के 3-18 वर्ष के बच्चों को कवर करता है।

2035 तक, उच्च शिक्षा में कुल नामांकन अनुपात 50% तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ सीटें जोड़ी जाएंगी।

उच्च शिक्षा में वर्तमान कुल नामांकन अनुपात (GER) 26.3% है

एक लचीला पाठ्यक्रम के साथ एक व्यापक स्नातकोत्तर शिक्षा इस समय के दौरान कई कार्यकारी विकल्पों और उचित प्रमाण पत्र के साथ 3 या 4 साल हो सकती है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई छात्र किसी भी वर्ष में अध्ययन छोड़ देता है, तो उसे उसके अनुसार प्रमाणपत्र मिलेगा।

एम.फिल पाठ्यक्रम को बंद कर दिया जाएगा और स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के सभी पाठ्यक्रम अब इंटर-डिपार्टमेंटल होंगे।

क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा के लिए अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना की जाएगी

आईआईटी, आईआईएम के साथ, देश में राष्ट्रीय मानकों के सर्वश्रेष्ठ बहु-विषयक शिक्षा मॉडल के रूप में बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालयों (MERU) की स्थापना करेगा।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा के लिए अनुसंधान क्षमता बनाने के लिए एक सर्वोच्च निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा।

कॉलेजों की साझेदारी:

15 वर्षों के भीतर, कॉलेजों की साझेदारी को चरणबद्ध किया जाएगा और कॉलेजों को ऑनोमेटिक स्वतंत्रता की डिग्री प्रदान करने के लिए एक मंच-वार तंत्र स्थापित किया जाएगा।

समय के साथ, प्रत्येक कॉलेज से एक स्वायत्त स्नातक डिग्री कॉलेज या विश्वविद्यालय के एक स्थापित कॉलेज के रूप में विकसित होने की उम्मीद की जा सकती है।

उच्च शिक्षा में ये बदलाव :

(NEP 2020: High Education Changes) उच्च शिक्षा में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प।  पांच साल का कोर्स वालों एमफिल में छूट।  कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन।  हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर। लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन  इसके अंतर्भुक्त शामिल नहीं हे। सरकारी और प्राइवेट शिक्षा मानक समान। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की होगी स्थापना। शिक्षा में तकनीकी को बढ़वा। दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा में बदलाव। 8 क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्सेस शुरू।

स्कूली शिक्षा में ये बदलाव:

(NEP 2020: School Lavel Changes) 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन एनसीईआरटी द्वारा फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु। 9वीं से 12वीं की पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर बच्चों के लिए नए कौशल: कोडिंग कोर्स शुरू करना । एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज-मेन कैरिकुलम में शामिल वोकेशनल पर जोर।  कक्षा 6 से शुरू होगी पढ़ाई नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार: बोर्ड एग्जाम दो भाग में रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित।

स्कूल लेवल पर वोकेशनल स्टडी पर फोकस:

प्रत्येक बच्चा कम से कम एक वोकेशन सीखता है और कई और चीजों के संपर्क में आता है। ग्रेड्स 6-8 के दौरान राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा तय किए गए महत्वपूर्ण व्यावसायिक शिल्प, जैसे कि बढ़ईगीरी, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाने आदि का नमूना। 2025 तक, स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50% शिक्षार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा के लिए जोखिम होगा।  स्थानीय व्यावसायिक विशेषज्ञों जैसे कि बढ़ई, माली, कुम्हार, कलाकार, आदि के साथ 6-8 से 10 वीं की पढ़ाई के दौरान कुछ समय के लिए 10 दिन का बैगलेस पीरियड।

अगर आगे सोचा जाए:

भारतीय शिक्षा नीति का लक्ष्य नई शिक्षा नीति के लिए एक व्यापक, भागीदारी और समग्र दृष्टिकोण को सुविधाजनक बनाना है, जो क्षेत्र के अनुभव, व्यावहारिक अनुसंधान, भागीदारी प्रतिक्रिया और सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित है। यह शिक्षा के प्रति अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए एक प्रगतिशील परिवर्तन है कुछ संरचनाओं से बच्चे की क्षमता – शिक्षा और विकास और सामाजिक और शारीरिक जागरूकता में मदद मिलेगी।

NSDC (National Skill Development Corporation) क्या हे ?

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